समय के साथ बड़ी संख्या में व्यक्तियों के कर्ज में वृद्धि भी घरेलू बचत को प्रभावित करती है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात नहीं है.
Domestic Debt: गैर-संस्थागत क्रेडिट एजेंसियों से कर्ज का हिस्सा 2018 में काफी कम होकर 34 फीसदी हो गया, जो साल 2012 में 44 फीसदी था.
Household Debt: रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 18 राज्यों में ग्रामीण परिवारों का और सात राज्यों में शहरी परिवारों का एवरेज डेट दोगुना से अधिक हुआ है
Household Savings: RBI के डेटा के मुताबिक, परिवारों के बैंक डिपॉजिट में भी कमी आई है. जहां Q2FY21 में ये GDP की 7.7% थी, वहीं, Q3 में ये घटकर 3% रह गई